चौथवसूली में व्यस्त, प्रदूषण नियंत्रण मंडल व ट्रस्ट!

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बालोतरा (भगाराम पंवार)। लूनी-नदी में प्रदूषित पानी छोड़े जाने पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कपड़ा इकाईयां अपनी फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को दिन-रात नालों में बहा रही है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र में स्थित नाले प्रदूषित पानी दरिया बन गए हैं। इतनी अधिक तादाद में नालों में पानी आने से नाले ओवर-फ्लो हो रहे हैं और प्रदूषित पानी औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों पर बहकर बाईपास नाले से लूनी-नदी में पहुंच रहा है।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद स्थानीय वाटर पोल्यूशन कंट्रोल ट्रस्ट ने फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी को टैंकरो के माध्यम से ट्रीटमेंट प्लांट में लेने और बाद में उसको फव्वारो के माध्यम से उड़ाने का शपथ-पत्र कोर्ट पेश किया था। लेकिन महज कुछ एक इकाईयों को छोड़कर शेष सभी कपड़ा इकाईयां आज भी नालों में ही प्रदूषित पानी डाल रही है।

तृतीय चरण में स्थित लगभग सभी सड़कें प्रदूषित पानी में डूबी हुई है। सड़कों पर पानी होने के कारण राहगीरों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले दो दिनों से लगातार सड़कों पर प्रदूषित पानी फैल रहा है। जिसकी जानकारी स्थानीय वाटर पोल्यूशन कंट्रोल ट्रस्ट एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल को बकायदा है, लेकिन सूचना देने के बावजूद प्रदूषण फैला रही कपड़ा इकाईयों के संचालको के खिलाफ कोई मुक्कमल कार्रवाई नहीं हो रही है।

जो फैक्ट्री संचालक नालों में पानी नहीं डालते है, वहां से रात के समय प्रदूषित पानी टैंकरो में भरकर नेशनल हाईवे बाड़मेर के आस-पास चोरी-चुपके डाला जा रहा है। ऐसे में लूनी नदी के साथ ही नदी के आस-पास स्थित भूखंड और जमीन भी प्रदूषण की भेंट चढ़ रहे हैं। पिछले कई दिनों से नदी-नालों में बढ़ रही प्रदूषित पानी की मात्रा ने वाटर पोल्यूशन ट्रस्ट के दावों की पोल खोलकर रख दी है।

फैक्ट्री मालिक नहीं मानते हाईकोर्ट के आदेश : चोरी-चुपके नदी में पानी डालने की घटनाएं तो पिछले कई दिनों से हो रही  थी। लेकिन अब तो फैक्ट्री मालिकों ने हद ही पार कर दी और प्रदूषित पानी को सड़कों पर डालने से भी नहीं झिझक रहे है और ना ही फैक्ट्री मालिकों में हाईकोर्ट, प्रदूषण नियंत्रण मंडल व स्थानीय ट्रस्ट का कोई खौफ या डर है। साबित होता है कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल और वाटर पोल्यूशन कंट्रोल ट्रस्ट के पदाधिकारियों के संरक्षण में फैक्ट्री संचालक उच्च न्यायालय के आदेशों को ताक पर रखकर मन मर्जी से प्रदूषण फैला रहे है और लूनी नदी के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

प्रदूषण नियंत्रण मंडल व ट्रस्ट नहीं कर रहा है कार्रवाई : बालोतरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कपड़ा इकाईयों द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों को ताक पर रखकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। फैक्ट्रियों से निकलने वाला रासायनिक रंगीन जहर सड़कों पर डाला जा रहा है, आस-पास के क्षेत्रों में आम आदमी की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। फैक्ट्री मालिक व ट्रस्ट खुले आम प्रदूषण फैला रहे है और प्रदूषित पानी को बिना ट्रीट किए हीं नालों व सड़कों में डाला जा रहा है। बावजूद इसके स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है।

ऐसे में सवाल उठता है कि बालोतरा वाटर पोल्यूशन ट्रस्ट के सामने स्थित प्रदूषण नियंत्रण मंडल के कार्यालय में बैठे इस विभाग के अधिकारी प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे है? हाईकोर्ट के आदेशों की पालना क्यों नहीं करवा रहे है? इसका मतलब साफ है कि फैक्ट्री मालिकों और प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों तथा ट्रस्ट मंडल के बीच सांठ-गांठ कर समझौता हो रखा है और उन्हें प्रत्येक महीने सुविधा शुल्क पहुंचाया जा रहा है।

ट्रस्ट अध्यक्ष व अधिकारी मौन : फैक्ट्री मालिक, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, वाटर पोल्यूशन ट्रस्ट खुले आम हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहा है और यहां का प्रशासन मानो गहरी नींद में सो रहा है। कोई भी प्रशासनिक अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों को लेकर सख्त नजर नहीं आ रहा है। शुरू-शुरू में तो जिला कलेक्टर ने रुचि ली थी लेकिन अब वे भी मौन नजर आ रही है, जिसके चलते फैक्ट्री मालिक खुले आम प्रदूषित पानी को सड़कों पर फैला रहे है।

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